MS Dhoni: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिहं धोनी अपनी कप्तानी और शानदार क्रिकेटिंग दिमाग के लिए और वे कैप्टन कूल के नाम से भी जाने जाते हैं. महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय क्रिकेट इतिहास मे सफलतम कप्तानों में से एक माना जाता है।
धोनी है सफल कप्तानों में से एक।
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप जीता और उसके बाद 50 ओवरों के वनडे क्रिकेट के फॉर्मेट में भी इस खिताब पर अपना कब्जा किया. इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम को चैंपियन ट्रॉफी जिताने में भी सफल कप्तानों में से एक रहे.
केरला में स्कूली शिक्षा पर बात किया धोनी ने
शनिवार को महेंद्र सिंह धोनी केरल के कासरगोड में एक समारोह के दौरान कहा, ‘‘मैं कभी कॉलेज नहीं गया लेकिन मुझे लगता है कि मैने जीवन में अच्छा ही किया कॉलेज ना जाकर.धोनी का कहना है कि शिक्षा एक पेशे से ज्यादा कला है. और धोनी ने अपने शिक्षकों के बारे में बात की और उन्होंने तमाम टीचर्स का शुक्रिया अदा किया.
केके अब्दुल गफ्फार के “अनजान साक्षी” के विमोचन पर पहुंचे थे धोनी
धोनी मशहूर तकनीक और शिक्षाविद प्रोफेसर केके अब्दुल गफ्फार की ऑटोबायोग्राफी ‘अनजान साक्षी’ के रिलीज़ के कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां उन्होंने शिक्षकों के बारे में बात करते हुए कहा कि कुछ भी सिखाना कला एक कला ही है. लेकीन महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसी कोई बात नहीं, जिससे ये साफ हो कि वो कोच बनने की ओर देख रहे हैं.इस समारोह के मौके पर एमएस धोनी ने बात करते हुए कहा, “एक शिक्षक को अपने छात्रों को समझने के लिए हर चीज़ को सरल बनाना पड़ता है. और उन्होंने ने कहा मुझे लगता है कि यह एक पेशा नहीं बल्कि एक कला है. इसमें आप छात्रों को अनुशासित करके उनके मज़बूत और कमज़ोर पक्ष को बताते हैं. मैं हमेशा से अपने स्कूल के मास्टर लोगों का बड़ा प्रशंसक रहा हूं.”
धोनी अपने करीबी मित्र डॉक्टर शाजिर गफ्फार के पिता की आत्मकथा के विमोचन ने आगे किताब को लेकर बात करते हुए बताया कि ‘अनजान साक्षी’ प्रोफेसर गफ्फार की यात्रा और समय के साथ शिक्षा और छात्रों में क्या बदलाव आया है, इस बारे में बताती है. महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि मैं कभी कॉलेज नहीं गया. लेकिन मुझे लगता है कि मैंने बहुत अच्छा किया. प्रोफेसर केके अब्दुल गफ्फार के बेटे शाजिर गफ्फार एमएस धोनी के काफी अच्छे मित्र हैं.
केरल के राज्यपाल भी थे इस कार्यक्रम का हिस्सा
गौरतलब है कि केरल राज्य के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान वर्चुअली तौर पर इस कार्यक्रम से जुड़े थे. आरिफ मोहम्मद खान ने वीडियो के ज़रिए ऑटोबायोग्राफी के बारे में बताया कि यह किताब प्रोफेसर गफ्फार के ज्ञान, जीवन और उनके लगन,समर्पण के बारे में बताती है. बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने ऑटोबायोग्राफी की पहली लिपी दुबई हेल्थ अथॉरिटी के सीईओ मरवान अल मुल्ला को भेंट की.