भारत और इंग्लैंड के बीच रांची में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। उनके अलावा अन्य बल्लेबाजों ने भी अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया।
इस मैच की पिच पर दूसरे दिन इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज शोएब बशीर और टॉम हार्टले की गेंदबाजी भारतीय बल्लेबाजों के लिए कठिन साबित हुई। हालांकि, भारतीय खिलाड़ी संघर्ष करते हुए दिखे लेकिन उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखा।
इंग्लैंड ने पहली पारी में 353 रन बनाए, जबकि भारतीय टीम ने एक समय अपनी पारी में 177 रन के स्कोर पर 7 विकेट गंवा दिए थे। लेकिन ध्रुव जुरेल के शानदार 90 रन की बदौलत भारत ने 307 रनों का आंकड़ा छुआ। इस दौरान उन्होंने अपनी दमदार बल्लेबाजी और लगन का परिचय दिया।
पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर स्टुअर्ट ब्रॉड ने भारतीय बल्लेबाजी प्रदर्शन पर सवाल उठाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पूछा कि क्या अनुभवी चेतेश्वर पुजारा का करियर खत्म हो गया है? पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के बाद पुजारा को टीम से बाहर कर दिया गया था। वर्तमान में वह रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं और शानदार फॉर्म में चल रहे हैं।
ब्रॉड ने कहा कि विराट कोहली के अनुभव और प्रतिभा की कमी के चलते क्या पुजारा को टीम में वापस लाना चाहिए? उनके अनुसार, पुजारा की वापसी से टीम में निरंतरता आ सकती है।
यह सच है कि पुजारा ने रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया है। इस सत्र में उन्होंने 58.12 के औसत से 783 रन बनाए हैं। इसमें तीन शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 243 रन रहा।
हालांकि, टीम प्रबंधन ने युवा शुभमन गिल पर भरोसा जताया और उन्हें नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया। गिल ने अपने करियर की शुरुआत में ही अपना लोहा मनवा लिया है। उनकी उभरती प्रतिभा और बेहतरीन तकनीक से टीम इंडिया को भविष्य में फायदा होगा।
निष्कर्षतः भारतीय टीम में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है। जबकि युवा खिलाड़ी उत्साह और ऊर्जा लेकर आते हैं, वहीं अनुभवी खिलाड़ी संयम और मुकाबला जीतने की चाल लेकर आते हैं।
इस संतुलन से टीम की ताकत बढ़ेगी और वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना दबदबा कायम रखेगी। युवाओं को मौका देना और अनुभवी खिलाड़ियों का सम्मान करना टीम की सफलता की कुंजी है.