क्रिकेट में छोटे से मौके बड़ी उपलब्धियों की शुरुआत कर सकते हैं। भारतीय स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन का करियर इसी बात का जीता-जागता उदाहरण है।
अश्विन ने हाल ही में अपने शानदार करियर के 100वें टेस्ट मैच और 500 विकेट लेने का आंकड़ा छूा है। लेकिन इस सफर की शुरुआत उस समय हुई जब महेंद्र सिंह धोनी ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें आईपीएल 2011 के फाइनल में मौका दिया।
अश्विन का धोनी से गहरा लगाव
अश्विन को सम्मानित करते हुए, तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक समारोह में, अश्विन ने अपने पूर्व कप्तान धोनी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “2008 में मैं सभी महान खिलाड़ियों (चेन्नई सुपर किंग्स के ड्रेसिंग रूम में) मैथ्यू हेडन और एमएस धोनी से मिला।
मैं (आईपीएल) 2008 में खेल चुका था। तब मैं कुछ भी नहीं था, मैं उस टीम में कहां खेल सकता था, जिसमें मुथैया मुरलीधरन थे। धोनी ने मुझे जो कुछ दिया उसके लिए मैं जीवन भर उनका ऋणी रहूंगा।”
ये वाक्य अश्विन और धोनी के बीच गहरे विश्वास और आदर को दर्शाते हैं। एक अनुभवहीन युवा खिलाड़ी के रूप में, धोनी के द्वारा दिए गए मौके ने अश्विन को सफलता की राह पर आगे बढ़ने में मदद की।
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आईपीएल 2011 फाइनल: अश्विन का प्रदर्शन चमका
अश्विन ने आगे बताया, “उन्होंने (धोनी ने) मुझे नई गेंद से क्रिस गेल से मुकाबला करने का मौका दिया और 17 साल बाद अनिल भाई उसी एपिसोड के बारे में बात करेंगे। यहां अश्विन 2011 आईपीएल फाइनल की बात कर रहे हैं, जहां धोनी ने उन्हें गेंदबाजी करने का मौका दिया था।
उस महत्वपूर्ण मैच में, अश्विन ने शानदार प्रदर्शन किया और चौथी ही गेंद पर तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल को आउट कर दिया था। यह एक ऐतिहासिक पल था, जिसने अश्विन के करियर को नई दिशा दी।
उस समय कोई नहीं जानता था कि यह युवा गेंदबाज भविष्य में भारत के महानतम स्पिन गेंदबाजों में से एक बनेगा।
अवसर पर भरोसा और सफलता की शुरुआत
धोनी के द्वारा अश्विन पर जताए गए विश्वास ने उनके करियर को बदल दिया। उसी साल, अश्विन ने धोनी की कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में खेले गए मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार भी जीता। यहीं से उनकी सफलता की यात्रा शुरू हुई।
अश्विन का उदाहरण बताता है कि मौके देने और विश्वास जताने से एक खिलाड़ी कितनी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। धोनी ने एक छोटे से गांव से आए युवा गेंदबाज पर भरोसा जताया और उन्हें बड़े मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया।
आज अश्विन भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं और उन्होंने अपने पूर्व कप्तान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की है।